What is Steno/ Shorthand ? स्टेनो क्या होता हैं ? स्टेनो सीखने का सबसे आसान तरीका
Stenography/Shorthand का अर्थ होता हैं किसी भी बड़े शब्द को एक विशेष लिपि के रूप में शीघ्रता से लिखना। हम एक नई लिपि सीखने जा रहें हैं ,अतः आवश्यक है की आपको उस भाषा का पूर्ण ज्ञान हो। आपको उस भाषा का विशेष रूप से शब्द ज्ञान, अर्थ ज्ञान, शुद्ध उच्चारण ,शुद्ध श्रवण , शब्द भेद, वर्ण भेद , वाक्य रचना, उसकी व्याख्या , पूर्ण विराम ,अल्पविराम आदि चिन्हों को लगाना, लिंग पुरुष एवं वचन के बारे में जानकारी, क्रिया , क्रियाभेद , भाषा शैली , भाषा का प्रवाह व्याकरण की दृष्टि से भाषा पर पूरा अधिकार अर्थात अगर आपको हिंदी भाषा की व्याकरण का सम्पूर्ण ज्ञान हैं तो आप आसानी के साथ स्टेनो शार्टहैंड को सीख सकते हैं शीघ्रलेखन में जिसे जितना मात्रा और भाषा का ज्ञान होगा वह उतना अच्छा स्टेनोग्राफर /शीघ्रलेखक बन सकता हैं ।शीघ्रलेखन में अपना अधिकार करने के लिए आपको सीखने की लालच होना चाहिए यह एक ऐसा विषय है जो शुरुआत के दिनों में शीघ्रलेखक की परीक्षा लेता हैं लेकिन कड़ी मेहनत और सीखने का जूनून होने से व्यक्ति किसी भी लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकता हैं ज्ञान वृद्धि की लालसा सागर की तरह होना चाहिए जिसके पास अथाह जल राशि होने के बाद भी वह नदियों द्वारा लाये गए जल को ग्रहण करता हैं अर्थात ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती।
हिंदी शीघ्रलेखन के विभिन्न नाम हैं -
१. स्टेनोग्राफी
२. शॉर्टहैंड
३. संकेत लिपि
४. आशुलेखन
५. त्वरा लेखन
६. कनिष्ठ शीघ्रलेखन
शीघ्रलेखन के विभिन्न नाम से स्पष्ट हैं की आप एक विशेष भाषा नहीं अपितु एक सांकेतिक लिपि सीखने जा रहे हैं शीघ्रलेखन में हम शब्दों को सांकेतिक रूप में लिखते हैं
शीघ्रलेखन में हमेशा स्वयं को तैयार रखना चाहिए जब हम शीघ्रलेखन करते हैं तो हमें हिंदी की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए
हिंदी की शुद्धता तीन खंडो में आधारित हैं :-
१. शुद्ध उच्चारण
२. शुद्ध श्रवण
३. शुद्ध लेखन
शीघलेखन (Stenography/Shorthand) की परिभाषा :- " वक्त को बढ़ा पहुँचाये बिना ध्वनियों के माध्यम से लिखी जाने वाली लिपि को संकेत लिपि (Stenography/Shorthand) कहते हैं."
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